आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दोनों ही विधानसभा के विशेष सत्र के लिए तैयार हैं, जो आज से शुरू होने जा रहा है और 11 बजे से सत्र शुरू होगा. यह मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी का पहला सत्र होगा और 2013 के बाद से सिर्फ एक विधायक के तौर पर अरविंद केजरीवाल का भी पहला सत्र है. सत्र शुरू होने के बाद विशेष उल्लेख होंगे, जिसके तहत विधायक अध्यक्ष की इजाजत के बाद शहर और उनके क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों को उठाएंगे. यह सत्र दिल्ली की मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट मंत्रियों के शपथ लेने के 4 दिन बाद हो रहा है, जिसमें आतिशी बहुमत साबित करेंगी. हालांकि दिल्ली की सत्तारूढ़ आप पार्टी के पास 70 सदस्यीय विधानसभा में 60 विधायकों की बहुमत है. भाजपा के पास सात सदस्य हैं और बाकी तीन सीटें खाली हैं. शनिवार को दिल्ली की आठवी मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वालीं आतिशी ने जोर देकर कहा था कि वह केजरीवाल के लिए एक स्थानधारक हैं, जो सत्ता में दोबारा चुने जाने पर अपनी सही जगह पर वापस लौटेंगे.
विपक्ष के हंगामे की तैयारी
आम आदमी पार्टी राजधानी में वित्तीय अनियमितताओं और गिरते नागरिक बुनियादी ढांचे के आरोपों से जूझ रही है. ऐसे में बहुत आसार है कि विपक्ष की बीजेपी पार्टी इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश विधानसभा सत्र के दौरान कर सकती है लेकिन सदन में आप के पास के भारी बहुमत को देखते हुए यह मुश्किल भी हो सकता है. भारतीय जनता पार्टी के विधायक और विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि पार्टी के विधायक सरकार को दिल्ली की 2 करोड़ जनता की परेशानियों पर चर्चा करने के लिए मजबूर करेगी.
सरकार से कई मुद्दों पर जवाब
उन्होंने आगे कहा कि हम सरकार से कई मुद्दों पर जवाब मांगेंगे, जिनमें जलजमाव और बिजली के करंट से 50 लोगों की मौत, लंबित सीएजी रिपोर्ट जिन्हें सरकार ने पेश नहीं किया और दबा दिया, लगभग 95,000 गरीबों के लिए राशन कार्ड की कमी, पानी की कमी और साफ पानी दिलाने में सरकार की विफलता और कई जगहों पर लोगों को सीवेज-दूषित पानी पीने के लिए मजबूर किया जा रहा है. इन सभी मुद्दों को वह सदन सदम में उठाएंगे.