Home देश 2024 में लौटे तो क्यों नेहरू से भी बड़ी होगी पीएम नरेंद्र मोदी की सफलता, ये तीन वजहें…

2024 में लौटे तो क्यों नेहरू से भी बड़ी होगी पीएम नरेंद्र मोदी की सफलता, ये तीन वजहें…

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लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान हो चुका है।

नई सरकार अब किसकी होगी, 4 जून को यह पता चल जाएगा। ज्यादातर सर्वे में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की वापसी की भविष्यवाणी की गई है।

बीते 10 सालों में मोदी सरकार ने देश के विकास के ढांचे को मजबूत करने का प्रयास किया था। अब पीएम मोदी का कहना है कि तीसरे कार्यकाल में वह देश को 2024 तक विकसित बनाने के लिए काम करेंगे।

उनकी सरकार में हुए कामों के रिपोर्ट कार्ड, 36 सहयोगी दलों के साथ बनी व्यापक एकता और विपक्ष की ओर से घेर पाने में नाकाम रहने के चलते भी ऐसी संभावनाएं बन रही हैं। 

 यह चुनाव सिर्फ देश के लिए अगली सरकार बनाने वाला नहीं होगा बल्कि पीएम नरेंद्र मोदी यदि फिर से सत्ता में लौटे तो वह देश में सबसे ज्यादा लंबे समय तक शासन में रहने वाले प्रधानमंत्री होंगे। उनसे पहले सिर्फ जवाहरलाल नेहरू ही लगातार तीन कार्यकाल तक पीएम रहे थे।

लेकिन कई मायनों में उनकी यह सफलता जवाहरलाल नेहरू से भी बड़ी होगी। इसके तीन कारण हैं- जवाहरलाल नेहरू एक एलीट बैकग्राउंड के नेता था। उनके पिता मोतीलाल नेहरू अपने दौर के देश के सबसे नामी वकीलों में से एक थे और कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे थे

उन्हें महात्मा गांधी का भी भरोसा हासिल था। तीसरी और सबसे अहम बात यह है कि आजादी के बाद करीब दो दशकों तक कांग्रेस की ही देश में धाक रही थी।

इसकी वजह यह थी कि लोग उसे आजादी के आंदोलन का पर्याय मानते थे। नरेंद्र मोदी के साथ ऐसी कोई विरासत नहीं थी। उनका कोई मौजूदा गॉडफादर भी नहीं थी, जिसने उन्हें पीएम बनाने के लिए समर्थन किया हो, जैसे महात्मा गांधी ने नेहरू का किया था।

एक गरीब परिवार में जन्मे पीएम नरेंद्र मोदी ने दशकों तक संघर्ष किया था। उनकी पार्टी की विचारधारा को लंबे समय तक मुख्यधारा की राजनीति में जगह नहीं मिल सकी थी।

ऐसे में 2014 के बाद से पीएम मोदी ने जिस तरह पूर्ण बहुमत की सरकार लगातार दो बार बनाई है, वह उन्हें अलग लीग में खड़ा करती है। तीसरे कार्यकाल में भी उनकी संभावनाएं मजबूत लग रही हैं।

वह भाजपा के लिए भी स्वर्णिम काल सरीखा है। इस बार तो पीएम मोदी लगातार एनडीए के 400 पार पहुंचने का नारा दे रहे हैं।

वह जिस तरह जेडीयू, बीजेडी, अकाली दल जैसे दलों को साथ लाने की कोशिश में हैं, उसे देखते हुए यह अनुमान और मजबूती से लगाया जा रहा है कि एनडीए 400 सीटें पा जाएगा। 

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