Home धर्म खास संयोग में साल 2025 का पहला शनि प्रदोष व्रत… जरूर करें उपवास! मिलेगा लाख गुना फायदा

खास संयोग में साल 2025 का पहला शनि प्रदोष व्रत… जरूर करें उपवास! मिलेगा लाख गुना फायदा

by News Desk

कुछ ही दिनों में नया साल 2025 शुरू होने वाला है. हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार हर महीने में 2 प्रदोष व्रत रखे जाते हैं, इस आधार पर साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होता है. इस दिन देवों के देव महादेव की पूजा करने का विधान हैं. प्रदोष व्रत विधि विधान से करने पर भोलेनाथ की कृपा बनी रहती है और अनेक प्रकार की बाधाओं, समस्याओं, अकाल मृत्यु का भय, डर, धन की कमी, ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव आदि सभी से छुटकारा मिल जाता है. संयोग से साल 2025 का पहला प्रदोष व्रत शनिवार के दिन है. इसे शनि प्रदोष व्रत कहते हैं.

गौरतलब है कि शनि प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है. यह व्रत शाम के समय में किया जाता है और विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो शनि देव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं. शनि देव को न्याय का देवता माना गया है. धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत के माध्यम से व्यक्ति अपने पापों से मुक्ति पाता है, दुर्भाग्य समाप्त होता है और जीवन में शांति, सुख, और समृद्धि आती है.

कब है साल का पहला शनि प्रदोष व्रत?
कि साल 2025 का पहला प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष की 11 जनवरी को सर्वार्थ सिद्धि योग में होगा. वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 11 जनवरी को सुबह 08.21 बजे से होगी. वहीं, इस तिथि का समापन 12 जनवरी को सुबह 06. 33 पर होगा. ऐसे में 11 जनवरी को शनि प्रदोष व्रत किया जाएगा. इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त 05 बजकर 43 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 26 मिनट तक है.

सर्वार्थ सिद्धि योग में शनि प्रदोष व्रत
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि कोई व्रत या सर्वार्थ सिद्धि योग में पड़ता है तो नियम अनुसार व्रत करने से उसका लाख गुना फल प्राप्त होता है. साल-2025 का पहला प्रदोष व्रत शनिवार के दिन है. शनि प्रदोष व्रत का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह व्यक्ति के शनि दोष, जैसे शनि की साढ़े साती या ढैय्या के कष्टों को कम करता है. साथ ही, यह व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक प्रभावी उपाय है, क्योंकि प्रदोष व्रत शिव जी को समर्पित होता है. शनि प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग का जलाभिषेक और शनि देव की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है.

You may also like