Home राज्यछत्तीसगढ़ सहायक शिक्षकों ने मुंडवाए सिर, कोर्ट के आदेश के बाद प्राथमिक शिक्षक सरकार पर आश्रित

सहायक शिक्षकों ने मुंडवाए सिर, कोर्ट के आदेश के बाद प्राथमिक शिक्षक सरकार पर आश्रित

by News Desk

रायपुर: छत्तीसगढ़ में बीएड और डीएलएड शिक्षकों की नियुक्ति विवाद पर कोर्ट का आदेश आ गया है. उस आदेश के बाद अब प्राथमिक स्कूलों में पदस्थ बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ गई है. उनकी नौकरी कभी भी जा सकती है. ऐसे में अब सहायक शिक्षक उन्हें यथावत रखने की मांग कर रहे हैं। 

आज 27 दिसंबर को सहायक शिक्षक उन्हें यथावत रखने की मांग को लेकर नवा रायपुर के टूटा धरना स्थल पर एकत्रित हुए. जहां सहायक शिक्षक 14 दिसंबर को अंबिकापुर से पैदल चलकर रायपुर पहुंचे थे. अब अपनी नौकरी बचाने के लिए आज बड़ी संख्या में सहायक शिक्षक एकत्रित हुए हैं और अपना सिर मुंडवा लिया है। 

बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों की नौकरी का संकट

छत्तीसगढ़ के प्राथमिक स्कूलों में पदस्थ बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ गई है. सैकड़ों सहायक शिक्षकों ने अपनी नौकरी बचाने के लिए आज सामूहिक रूप से सिर मुंडवाने का फैसला किया है. इसी के तहत आज रायपुर में कई शिक्षक एकत्रित हुए हैं. जहां टूटा धरना स्थल पर प्रदर्शन भी किया जा रहा है. साथ ही सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए आज करीब 50 पुरुष और पांच शिक्षकों ने अपने सिर मुंडवा लिए।

सरकार से उन्हें पहले की तरह नौकरी पर रखने की मांग

नवा रायपुर के टूटा धरना स्थल पर जुटे बीएड सहायक शिक्षक लगातार अनोखे तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आज वे अपना सिर मुंडवाकर सरकार से उनकी नौकरी पहले की तरह रखने की मांग करेंगे। इससे पहले 14 दिसंबर को सहायक शिक्षक अंबिकापुर से पैदल चलकर रायपुर पहुंचे थे।

बीएड डिग्रीधारी प्राथमिक शिक्षकों को लेकर कोर्ट ने सुनाया था फैसला

छत्तीसगढ़ के प्राथमिक स्कूलों में पदस्थ 2900 से ज्यादा बीएड डिग्रीधारियों को अब नौकरी से निकाला जा रहा है। वे अब कुछ ही समय के मेहमान हैं। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने इस बारे में फैसला सुनाया था। इसके बाद राज्य सरकार ने प्राथमिक स्कूलों में पदस्थ 2900 से ज्यादा बीएड डिग्रीधारियों की सूची तैयार की है।

कोर्ट के आदेश के मुताबिक इन बीएड डिग्रीधारियों को सरकार आज 10 दिसंबर को नौकरी से निकाल सकती है। इसको लेकर आदेश भी जारी हो सकते हैं। प्राइमरी स्कूलों में ऐसे शिक्षक हैं, जो उच्च योग्यता रखते हैं। यही योग्यता अब उनकी बेरोजगारी का कारण बनने जा रही है।

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