Home देश भारत के साथ शुरू करो व्यापार, पाकिस्तान में उठी पुकार; क्या करेगा खस्ताहाल पड़ोसी?…

भारत के साथ शुरू करो व्यापार, पाकिस्तान में उठी पुकार; क्या करेगा खस्ताहाल पड़ोसी?…

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पाकिस्तान के बाजारों में भी अब भारत के साथ बेहतर रिश्ते होने की मांग उठने लगी है। हाल ही में पाकिस्तान की नई सरकार ने संकेत दिए हैं कि भारत के साथ व्यापार दोबारा शुरू किया जा सकता है।

हालांकि, कब तक रिश्ते सामान्य होंगे या कब तक व्यापारी रास्ते दोबारा खुलेंगे, इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है। साल 2019 में से पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध खत्म कर लिए थे।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने संकेत दिए हैं कि भारत के साथ व्यापार दोबारा शुरू हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शनिवार को उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान व्यापारी भारत के साथ व्यापार करना चाहते हैं… सरकार सभी हितधारकों के साथ बातचीत कर इस बात की संभावनाओं की तलाश करेगी।’

खास बात है कि पाकिस्तान में भारत के साथ व्यापारा दोबारा शुरू करने की चर्चा ऐसे समय पर शुरू हुई है, जब पड़ोसी आर्थिक संकट से जूझ रहा है।

डार ने भारत के साथ रिश्ते सामान्य करने से पहले अर्थव्यवस्था को सुधारने की कोशिश के संकेत दिए हैं।

क्यों रुक गया था व्यापार?
अगस्त 2019 में भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 समाप्त कर दिया था। इसके बाद से ही पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध खत्म कर लिए थे।

हालांकि, कहा जाता है कि पाकिस्तानी आयात पर भारत की तरफ से लगाया गया 200 फीसदी टैरिफ एक वजह थी। इससे पहले भारत ने पाकिस्तान का मोस्ट फेवर्ड नेशन या MFN दर्जा रद्द कर दिया था।

14 फरवरी 2019 को पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद भारत ने यह कदम उठाया था। उस आतंकवादी घटना में पाकिस्तानी समूह जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ने विस्फोटकों से लदे वाहन का इस्तेमाल कर CRPF के काफिले को निशाना बनाया था।

तब 40 जवान शहीद हो गए थे। घटना के 24 घंटे के बाद ही भारत ने पाकिस्तान का MFN दर्जा वापस ले लिया था।

क्या हो सकती हैं वजहें?
डार की ओर से साफतौर पर व्यापार दोबारा शुरू करने को लेकर कुछ नहीं कहा गया है। हालांकि, पाकिस्तान के बदलते रुख की कई वजहें नजर आती हैं।

इनमें एक पाकिस्तान की नई सरकार नई नीति की संभावनाओं के संकेत दे रही है। एक अन्य वजह पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति भी हो सकती है।

भारत के साथ व्यापार रुकने से पाकिस्तान को दूर देशों से सामान आयात करना पड़ रहा है, जिसके चलते पहले से कम फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व और घट रहा है।

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