बीजिंग । चीन ने अब तक के अपने सबसे विशाल टाइप 076 एम्फीबियस अटैक शिप को लांच किया है। इस युद्धपोत का नाम सिचुआन है। यह लॉन्चिंग चीन के छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान की पहली उड़ान के बाद की गई है। 27 दिसंबर को लांच जहाज को वैश्विक स्तर पर अपनी तरह का सबसे बड़ा जहाज बताया जा रहा है। आकार में यह भारतीय नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर के जैसा है। हालांकि, यह युद्धपोत इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एयरक्राफ्ट लांच सिस्टम (ईएमएएलएस) से लैस है, जिनका इस्तेमाल एयरक्राफ्ट कैरियरों में भारी विमानों को लांच करने के लिए होता है।
चीन के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत सिचुआन के नाम पर बने जहाज को शंघाई के चांगक्सिंग द्वीप पर स्थित हुडोंग-झोंगहुआ शिपयार्ड में औपचारिक रूप से लांच किया गया। लांच समारोह में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (पीएलए नेवी) के उच्च पदस्थ अधिकारी, सिचुआन प्रांतीय सरकार के प्रतिनिधि, चाइना स्टेट शिपबिल्डिंग कॉरपोरेशन (सीएसएससी) के अधिकारी और परियोजना पर काम करने वाले डिजाइनर और निर्माण कर्मी शामिल हुए।
पीएलए नेवी के बयान के अनुसार, सिचुआन में 40,000 टन से अधिक का पूर्ण विस्थापन है। वहीं भारत का नया एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत का पूर्ण विस्थापन 45000 टन है। इसमें अत्याधुनिक तकनीक है, जिसमें ट्विन आइलैंड सुपरस्ट्रक्चर और अरेस्टिंग गियर के साथ उन्नत इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैटापल्ट शामिल हैं, जो फिक्स्ड-विंग एयरक्राफ्ट को लांच और रिकवरी करने में सक्षम बनाता है। यह जहाज फिक्स्ड-विंग एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर और एम्फीबियस उपकरणों के संयोजन को ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है और उम्मीद है कि यह चीन की समुद्री रक्षा रणनीति में एक प्रमुख युद्धपोत के रूप में काम करेगा।
सिचुआन युद्धपोत पर तैनात एयर विंग में मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) जैसे स्टील्थी अनक्रूड कॉम्बैट एयर व्हीकल्स (यूसीएवी) शामिल होने की उम्मीद है। जून 2024 में, जीजे-11 शार्प स्वॉर्ड यूसीएवी या इसके वेरिएंट के मॉकअप को चांगक्सिंग द्वीप पर एक नजदीकी परीक्षण स्थल पर देखा गया था, जो दर्शाता है कि ड्रोन जहाज के संचालन में भूमिका निभा सकते हैं।
चीन ने अपने सबसे विशाल युद्धपोत का नाम सिचुआन को लांच किया
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