Home राज्यमध्यप्रदेश अल्पना तिराहा और रेलवे स्टेशन के बीच हुई कार्रवाई, अब ईरानी खेमे के अतिक्रमण की बारी

अल्पना तिराहा और रेलवे स्टेशन के बीच हुई कार्रवाई, अब ईरानी खेमे के अतिक्रमण की बारी

by News Desk

भोपाल: अगले साल भोपाल में मेट्रो शुरू करने की तैयारी चल रही है। प्रशासन इसके लिए जोरों पर तैयारियां कर रहा है। सोमवार को मेट्रो के ऑरेंज लाइन के दूसरे चरण के लिए 29 दुकानें तोड़ी गईं। यह कार्रवाई अल्पना तिराहा से भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 6 तक की गई। आगे 40 दुकानें तोड़ी जाएंगी। ईरानी डेरे के 30 अतिक्रमण भी हटाए जाएंगे। इस बीच विधायक आतिफ अकील मौके पर पहुंचे। 

उन्होंने दुकानदारों के विस्थापन की मांग उठाई। हाईकोर्ट में सुनवाई से पहले कार्रवाई: कार्रवाई से व्यापारियों में रोष है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी थी। इससे पहले प्रशासन ने कार्रवाई कर दी। प्रशासन को उन्हें विस्थापित कर मुआवजा देना चाहिए। 

8.77 किमी का होगा मेट्रो का दूसरा चरण

भोपाल मेट्रो का दूसरा चरण सुभाष नगर डिपो से करोंद तक 8.77 किमी का होगा। यह काम दो हिस्सों में होगा। दोनों प्रोजेक्ट पर 1540 करोड़ रुपए खर्च होंगे। मिट्टी परीक्षण और डिजाइन समेत अन्य कार्य पूरे हो चुके हैं। अब अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। इससे पहले पुल बोगदा से दुकानें हटाई गई थीं।

नर्मदा आइस फैक्ट्री की जमीन पर सालों से कर रहे थे कारोबार

रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म नंबर 6 के पास स्थित नर्मदा आइस फैक्ट्री में 40 दुकानें थीं। व्यापारी पिछले 50 सालों से कारोबार कर रहे थे। इन दुकानों को हटा दिया गया। जिन दुकानदारों ने दुकानें नहीं हटाईं, उनका सामान जब्त कर लिया गया। कई दुकानदारों ने अपना सामान सड़क पर रख दिया।

दुकानदारों को नियमानुसार पैसा दिया जाएगा

एसडीएम दीपक पांडे समेत तमाम अफसरों और पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में यह कार्रवाई की गई। नगर निगम की जेसीबी ने दुकानों को ध्वस्त कर दिया। दुकानों में रेलवे टिकट काउंटर, स्टेशनरी आदि बिक रहे थे। एसडीएम दीपक पांडे ने कहा कि दुकानदारों को नियमानुसार पैसा दिया जाएगा।

दुकानदारों को राहत मिले- कांग्रेस विधायक

मौके पर पहुंचे विधायक आतिफ अकील ने अफसरों से कहा कि दुकानदारों को विस्थापित करने के लिए सुविधाएं दी जाएं। उनके लिए दुकानें बनाई जाएं, ताकि वे कारोबार कर सकें। आतिफ ने कहा कि शहर के विकास कार्यों में कोई बाधा उत्पन्न नहीं कर रहा है तथा दुकान हटाने से पहले दुकानदार के दस्तावेजों की जांच की जाती है।

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