मुंबई । 450 करोड़ रुपये के बजट में बनी रामचरण अभिनीत फिल्म गेम चेंजर को पूरा करने में निर्देशक एस शंकर को तीन साल का लंबा समय लगा लेकिन इसके प्रदर्शन को लेकर आलोचनाएं आ रही हैं।
फिल्म की एवरेज परफॉर्मेंस पर निर्देशक एस शंकर ने अपनी गलती मानी है और इसके लिए खुद को जिम्मेदार ठहराया। शंकर ने कहा कि किसी भी फिल्म निर्माता को अपनी फिल्म से कभी भी पूरी संतुष्टि नहीं होती, और उन्हें भी लगता है कि गेम चेंजर को और बेहतर बनाया जा सकता था। उन्होंने माना कि फिल्म में कुछ बेहतरीन सीन थे, लेकिन इन सीन को काटकर छोटा किया गया ताकि फिल्म का समय सीमित किया जा सके।
शंकर ने बताया कि फिल्म का टोटल ड्यूरेशन पांच घंटे का था, लेकिन उसे तीन घंटे में लाने के लिए कई महत्वपूर्ण दृश्य हटा दिए गए। वह इसे एक स्कल्पचर के जैसा मानते हैं, जिसमें पत्थर को तराशने की तरह कुछ अच्छा बनाना होता है, लेकिन कभी-कभी कुछ महत्वपूर्ण हिस्से छोड़ने पड़ते हैं। फिल्म के मेकर्स पर यह आरोप भी लगा था कि उन्होंने चार गानों पर 75 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, लेकिन शंकर ने इस दावे को खारिज किया। उन्होंने कहा कि यह बात सही नहीं है और कुछ लोग फिल्म को लेकर झूठी अफवाहें फैला रहे हैं, जैसे कि फिल्म ने अपना टैक्स चार गुना बढ़ा लिया है।
एस शंकर का यह बयान उनके आत्मविश्लेषण को दर्शाता है और फिल्म की रचनात्मक प्रक्रिया में उन्होंने जिन चुनौतियों का सामना किया, उन्हें स्पष्ट करता है। यह फिल्म शंकर के तेलुगु फिल्म उद्योग में डेब्यू के रूप में आई थी, लेकिन इसके प्रदर्शन ने फिल्म उद्योग में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, शंकर ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है, और इससे यह साफ है कि वह अपनी अगली परियोजनाओं में और बेहतर काम करने की कोशिश करेंगे। बता दें कि फिल्म को पहले पांच दिनों में ही महज 100 करोड़ रुपये की कमाई मिली है, जिससे इसे असफल करार दिया जा रहा है।
गेम चेंजर की असफलता के लिए खुद को बताया जिम्मेदार
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