Home Breaking News भाषा विवाद: तमिल सरकार ने राज्य बजट से रुपये का प्रतीक चिह्न हटाया

भाषा विवाद: तमिल सरकार ने राज्य बजट से रुपये का प्रतीक चिह्न हटाया

by News Desk

नई दिल्ली। तमिलनाडु में हिंदी भाषा को लेकर घमासान मचा हुआ है। इस बीच स्टालिन सरकार ने बड़ा कदम उठा लिया है। डीएमके सरकार ने रुपये के चिन्ह को हटा दिया है। स्टालिन सरकार ने बजट में रुपए के ₹ सिंबल को हटाकर उसकी जगह ‘ரூ’ का इस्तेमाल किया है। हिंदी भाषा को लेकर केंद्र सरकार से चल रही स्टालिन की खींचतान के बीच यह एक बहुत बड़ा कदम है क्यों कि इस तरह से भारतीय रुपए के नेशनल सिंबल को ही बदल दिया गया है।

बता दें कि ₹ चिन्ह को 15 जुलाई, 2010 को रुपए के राष्ट्रीय चिन्ह के रूप में शामिल किया गया था। रुपए के नेशनल सिंबल के चयन के लिए बाकायदा एक प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था। तमाम सारे डिजायनों में इस चिन्ह को फाइनल किया गया था। खास बात यह है कि इस चिन्ह को उदय कुमार धर्मलिंगम ने डिजाइन किया था जो तमिलनाडु के कल्लाकुरिची के रहने वाले हैं।

इतना ही नहीं उदय कुमार धर्मलिंगम के पिता एन. धर्मलिंगम स्टालिन की ही पार्टी डीएमके से विधायक भी रह चुके हैं। तमिलनाडु सरकार के इस कदम के बाद केंद्र से उसकी तल्खी और बढ़ने के आसार हैं। रुपए का सिंबल बनाने के लिए स्टालिन के पिता करुणानिधि ने उदय कुमार धर्मलिंगम को सम्मानित भी किया था।

दरअसल केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति के तहत थ्री लैंग्वेज प्रोग्राम लाना चाहती है मगर तमिलनाडु के सीएम और उनकी सरकार इसका विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि केंद्र सरकार इस तरह से गैर हिंदी भाषी राज्यों में जबर्दस्ती हिंदी भाषा को थोपना चाहती है।

डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन ने यह आरोप लगाया था कि हिंदी के कारण उत्तर भारत के राज्यों में बोली जाने वाली वहां की स्थानीय भाषाएं जैसे हरियाणवी, राजस्थानी, भोजपुरी खत्म होने के कगार पर हैं। इन सब राज्यों में हिंदी ही प्रमुख भाषा बन गई है। अगर तमिलनाडु में हिंदी को बढ़ावा दिया गया तो यहां भी ऐसा ही होगा और तमिल भाषा खत्म हो जाएगी।

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