जगदलपुर
सुरक्षा बल ने माओवादियों के विरुद्ध निर्णायक लड़ाई को सातवें दिन भी जारी रखा है। बीजापुर जिले में तेलंगाना सीमा पर चल रहे इस अभियान में सुरक्षा बल के जवान कर्रेगुट्टा पहाड़ की 12 किमी की खड़ी चढ़ाई चढ़कर माओवादियों के सबसे सुरक्षित ठिकाने तक जा पहुंचे हैं। रविवार को पहाड़ी के ऊपर अभियान जारी रहा।
पहाड़ी से माओवादियों के डंप सामान, बंकर और आइईडी मिलने की बात सामने आ रही है। पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने अभियान के दूसरे दिन तीन माओवादियों को ढेर करने की बात कही थी। इसके बाद से पुलिस की ओर से कोई भी अधिकृत जानकारी सामने नहीं आई है। पुलिस का कहना है कि अभियान पूरा होने के बाद ही विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
कर्रेगुट्टा नहीं नड़पल्ली की पहाड़ी पर मिली गुफा
सुरक्षा बल को जो गुफा मिली है वह कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर नहीं बल्कि उसके पास ही स्थित दूसरी पहाड़ी नड़पल्ली पर मिली है। कुछ समाचार पत्रों की ओर से दावा किया जा रहा था कि जवानों को कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर गुफा मिली है। अब कहा जा रहा है कि जिस नड़पल्ली की पहाड़ी पर गुफा मिली है वहां ग्रामीण पूजा-पाठ करने जाते हैं।
पहाड़ी पर मिली प्राकृतिक गुफा में स्थित है शिवलिंग।
हिड़मा ने ग्रामीणों को दी थी चेतावनी- मैं पहाड़ी पर बैठा हूं, सबको ठिकाने लगा दूंगा
पहाड़ी की तलहटी पर बसे ग्रामीणों ने बताया कि कुछ माह पहले हिड़मा ने ग्रामीणों से धमकाते हुए कहा था कि मैं पहाड़ी पर बैठा हूं, चाहे कितने भी जवान आ जाए सबको ठिकाने लगा दूंगा।
दूसरी ओर पिछले माह माओवादियों के तेलुगू भाषा में लिखे पत्र में भी कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर बड़ी संख्या में आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) लगाए जाने की बात कहते हुए ग्रामीणों को चेताया गया था कि पहाड़ी पर ना आएं।
इसी सूचना के आधार पर ही फोर्स को शंका हुई कि कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर माओवादियों का संभावित ठिकाना हो सकता है। एनटीआरओ (राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन) के उपग्रहों व मानवरहित ड्रोन से की गई निगरानी में भी माओवादी दिखे थे।