Home राज्य रांची में पानी की समस्‍या से जूझ रहे हैं लोग; आठ सौ फीट की बोरिंग के बाद भी आ रही दिक्‍कत

रांची में पानी की समस्‍या से जूझ रहे हैं लोग; आठ सौ फीट की बोरिंग के बाद भी आ रही दिक्‍कत

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कांके रोड में कांके डैम है, लेकिन जरूरी नहीं कि आसपास रहने वाले प्यासे न हो। कांके रोड का हाल यह है यहां पानी की बहुत दिक्कत है। कहीं-कहीं तीन-तीन बोरिंग फेल है, चौथी बोरिंग में पानी आया। चार सौ से लेकर सात सौ-आठ सौ फीट बोरिंग के बाद किसी तरह पानी नसीब होता है।

सात-आठ सौ फीट बोरिंग के ही पानी संभव

कांके रोड के रहने वाले जयंत शाहदेव कहते हैं कि यहां सात सौ-आठ सौ फीट बोरिंग के बाद ही पानी संभव है। इसके बाद भी मिल जाए तो वह सौभाग्य की बात है। नीचे चट्टान भी है। पथरीला इलाका है।

लेक साइड में तो काफी दिक्कत है। चांदनी चौक के पास द सोलिटियर अपार्टमेंट में रहने वाले विनोद पोद्दार कहते हैं यहां कुल 12 अपार्टमेंट है। कुल साठ से ऊपर लोग रहते हैं। यहां रेन हार्वेस्टिंग की व्यवस्था होने के बाद भी दिक्कत है। सप्लाई पानी से काम चलता है। यहां आसपास यही स्थिति है।

पानी की बर्बादी से खड़ी हो रही समस्‍या

कांके रोड में पानी की बहुत दिक्कत है। अब इधर तालाब तो रहे नहीं। चारों तरफ अपार्टमेंट खड़े हो गए। इससे रिचार्ज भी नहीं हो पाता। बारिश के जल को बचाने का कोई उपाय भी नहीं है। कांके रोड में रहने वाले व्यवसायी प्रमोद सारस्वत कहते हैं कि मेरे अपार्टमेंट में पुरानी बोरिंग है। पानी रहता है, लेकिन समस्या तो है ही।

सप्लाई से राहत मिल जाती है, लेकिन यहां सप्लाई का पाइप फट जाता है और शिकायत करने के बाद भी जल्दी नहीं बनता। सो, हजारों लीटर पानी ऐसे ही बर्बाद हो जाता है। एक ओर हम सब पानी की किल्लत से जूझते हैं, दूसरी ओर आंखों के सामने पानी को बर्बाद होते देखते हैं।

हर साल पांच फीट नीचे जा रहा पानी

कांके रोड, लेक एवेन्यू में रहने वाले अशोक नारसरिया कहते हैं मेरे यहां हर साल पांच फीट पानी नीचे जा रहा है। इस बार नपवाया था तो 290 फीट पर पानी है। अगले साल, 295 फीट पर मिलेगा। हमारे यहां शुरू से रेन वाटर हार्वेस्टिंग है, इसलिए पानी की समस्या बहुत नहीं है।

इधर, हल्की बारिश से कुछ राहत मिली है। चांदनी चौक, गांधीनगर के आसपास बहुत परेशानी है। अभी पता चला कि मोरहाबादी के इ इंपायर अपार्टमेंट में भी पानी की बहुत समस्या है। पर, नए अपार्टमेंट में जरूरी है कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग हो।

इसका कड़ाई से पालन हो तभी हम पानी की समस्या को दूर कर सकते हैं। अन्यथा कांके रोड की जो स्थिति है, आने वाले दिनों में और भयावह होगी। चांदनी चौक के आगे जो नदी है, वह नाला बन गई है। पानी रहता ही नहीं। इसे भी पुनर्जीवित करने की जरूरत है ताकि पानी का लेयर ऊपर आ सके।

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