Home राज्यछत्तीसगढ़ रायपुर : कोरबा जिले में डीएमएफ से 52 करोड़ से अधिक की लागत से 481 आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण को मंजूरी

रायपुर : कोरबा जिले में डीएमएफ से 52 करोड़ से अधिक की लागत से 481 आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण को मंजूरी

by News Desk

रायपुर : कोरबा जिले में डीएमएफ से 52 करोड़ से अधिक की लागत से 481 आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण को मंजूरी

बाल शिक्षा और पोषण के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम, सुदूर क्षेत्रों में मिलेगा नया आयाम

शिक्षा और पोषण के क्षेत्र में क्रांतिकारी पहल, अब सुदूर क्षेत्रों के बच्चे भी होंगे लाभांवित

रायपुर

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार बाल शिक्षा, पोषण और मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में कोरबा जिला प्रशासन ने जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) के प्रभावी उपयोग के तहत एक ऐतिहासिक पहल की है। कोरबा जिले में पहली बार 52 करोड़ 68 लाख 65 हजार रुपये की लागत से 481 नए आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई है। यह कदम जिले के सुदूर और दुर्गम क्षेत्रों में शिशु शिक्षा और पोषण सेवाओं को नई दिशा देगा।

इस स्वीकृति के तहत कोरबा जिले के सभी विकासखंडों में आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण होगा। कोरबा विकासखंड में 56 भवनों के लिए 6 करोड़ 39 लाख 88 हजार, करतला में 78 भवनों के लिए 8 करोड़ 63 लाख 85 हजार, कटघोरा में 65 भवनों के लिए 7 करोड़ 56 लाख 16 हजार, पाली में 93 भवनों के लिए 10 करोड़ 17 लाख 6 हजार और पोड़ी उपरोड़ा में 189 भवनों के लिए 19 करोड़ 91 लाख 70 हजार रुपये की स्वीकृति दी गई है। इन भवनों में बच्चों के लिए प्रारंभिक शिक्षा, पोषण आहार और स्वास्थ्य सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगी, जिससे ग्रामीण और आदिवासी समुदायों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।

इसके अतिरिक्त, जिला प्रशासन ने पूर्व में भी डीएमएफ निधि से नगरीय क्षेत्रों में 96 आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण के लिए 12 करोड़ 40 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की थी, जिसमें कोरबा नगर पालिका निगम के 88 और बांकीमोंगरा नगर पालिका परिषद के 8 भवनों का निर्माण शामिल है।

इन भवनों में बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा, पोषण आहार और स्वास्थ्य सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे न केवल बालकों के समग्र विकास को बल मिलेगा, बल्कि ग्रामीण और आदिवासी समुदायों को भी दीर्घकालिक लाभ प्राप्त होगा।
कोरबा जिले में प्रारंभिक बाल विकास के क्षेत्र में यह अब तक की सबसे बड़ी निवेश योजना मानी जा रही है। इससे न केवल शिक्षा और पोषण सेवाएं सुदृढ़ होंगी, बल्कि माताओं और बच्चों के लिए सुरक्षित, सुसज्जित और समर्पित केंद्रों का सृजन होगा।

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