नई दिल्ली । देश के अग्रणी यात्री वाहन निर्माताओं ने अगले कुछ साल में 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश का खाका तैयार किया है। वाहन दिग्गजों जैसे टाटा मोटर्स, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, मारुति सुजूकी इंडिया, ह्युंडै मोटर इंडिया, जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया, निसान मोटर कॉरपोरेशन और रेनो एसए ने उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी, वाहनों के विकास पर बड़े निवेश के अलावा और स्वच्छ व पर्यावरण अनुकूल तकनीक को लेकर प्रतिबद्धता जताई है। पिछले हफ्ते इलेक्ट्रिक वाहन में भारत की अग्रणी टाटा मोटर्स ने कहा था कि वह वित्त वर्ष 2030 तक अपनी ईवी इकाई में 16 से 18,000 करोड़ रुपए के पूंजीगत खर्च की योजना बना रही है। कंपनी का इरादा मार्च 2026 तक छह और मॉडल उतारने का है। पिछले तीन साल में टाटा मोटर्स के लिए बिक्री दमदार रहीपिछले तीन साल में टाटा मोटर्स के लिए बिक्री दमदार रही है और यह वित्त वर्ष 2021-22 के 3.72 लाख के मुकाबले वित्त वर्ष 2022-23 में 5.41 लाख और वित्त वर्ष 2023-24 में 5.73 लाख वाहन पर पहुंच गई। भारतीय यात्री वाहन बाजार वित्त वर्ष 30 तक 60 लाख वाहन पर पहुंचने की संभावना है, जो वित्त वर्ष 24 में 43 लाख रहा है। कोरियाई वाहन दिग्गज ह्युंडै मोटर ने अगले 10 साल में 32,000 करोड़ रुपए के निवेश का खाका खींचा है। देसी बाजार में 14.6 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली कोरियाई कंपनी का स्थान भारत में मारुति के बाद दूसरा है, जिसके पास 41.7 फीसदी हिस्सेदारी है। सियाम के आंकड़ों से यह जानकारी मिली। मारुति ने साल 2023 में ऐलान किया था कि वह पहली ईवी एसयूवी 2023-24 में उतारेगी। हालांकि अब इसे उतारने की तारीख 2024-25 हो गई है। कुल मिलाकर मारुति का इरादा 2029-30 तक भारत में छह ईवी उतारने का है।
साल 2030 तक 2 लाख करोड़ निवेश करेंगी दिग्गज वाहन कंपनियां
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