नई दिल्ली । रतन टाटा भारत के एक प्रमुख उद्यमी और विचारक, एक शख्सियत है जिसने देश और विश्व को अपनी साफ़, सजीव और प्रेरणास्त्रोत शक्ति से प्रेरित किया है। उनका कारोबारिक जीवन और नेतृत्व और काबिलियत ने टाटा ग्रुप को बुलंदियों पर पहुंचाया है और उन्हें एक सफल उद्यमपीठ के रूप में माना गया है। रतन टाटा ने हमेशा अपने कर्मचारियों को अपने परिवार के सदस्य की भावना से देखा है और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए हमेशा तैयार रहे हैं। उनकी सादगी, सम्मानवादिता और व्यवहार का ताज और सच्चाई के साथ ही उन्हें सबके दिलों में एक अजेय स्थान दिलाया है। एक खास कहानी जिसने रतन टाटा की महानता को और भी उजागर किया, वह है फोर्ड मोटर्स के साथ की एक घटना। जब टाटा इंडिका कार बाजार में मना नहीं पा रही थी, तो रतन टाटा ने अपने पैसेंजर कार व्यावसाय को बेचने का फैसला किया। इसमें फोर्ड मोटर्स के चेयरमैन बिल फोर्ड के मजाक का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी अपने अपमान को भूला नहीं। रतन टाटा ने फोर्ड के जैगुआर और लैंड रोवर ब्रांड को खरीदा और उसके उतार चढ़ाव में सहायक बने, जिससे टाटा मोटर्स ने अपने आदर्श और समर्पण की यात्रा को विस्तारित किया। इस्तीफा देने के बजाय, रतन टाटा ने अपनी निर्णयकता और सहनशीलता से विश्वास दिखाया और एक महान उपलब्धिस्तर को हासिल किया। रतन टाटा के लिए काम करने का मतबल पूजा था। उनका कहना था कि काम तभी बेहतर होगा, जब आप उसकी इज्जत करेंगे। उनमें एक और खासियत ये थी कि वे हमेशा शांत और सौम्य रहते थे, अपनी कंपनी के छोटे से छोटे कर्मचारी तक से वे बड़े प्यार से मिलते थे, उनकी जरूरतों को समझते थे और उनकी हर संभव मदद करते थे। रतन टाटा के जीवन और कार्य का अद्वितीय उदाहरण है कि कभी भी असफलता के साथ जुड़ापन बेहतर कर्मचारी कर सकता है और सफलता के रास्ते पर निर्णयकता और संकल्प से निरंतर चलना अहम है। उनकी उदारता, विनम्रता और प्रेरणाप्रद प्रेरणा को हम सभी को अनुसरण करना चाहिए।
रतन टाटा: देश के प्रेरणास्त्रोत और व्यवसाय के महानायक
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