रायपुर: शासन की एक छोटी सी मदद से दिव्यांगों के जीने की राह आसान हो गई है। इससे दैनिक कार्यों के संपादन में उन्हें बड़ी सहूलियत हो सकेगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज जगदलपुर प्रवास के दौरान ऐसे ही दिव्यांगजनों से मिलकर उनका दर्द साझा किया।
समाज कल्याण विभाग और श्री महावीर विकलांग सहायता समिति के संयुक्त तत्वावधान में ग्राम आड़ावाल में सहायक उपकरण वितरण समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री श्री साय ने दिव्यांगों को जयपुर कृत्रिम पैर एवं हाथ, ट्रायसिकल और अन्य सहायक उपकरण वितरित किए गए।
इस दौरान ग्राम साडगुड़ से कक्षा 6वीं की छात्रा कु. पुलम बघेल जो पैर से दिव्यांग है, को जयपुर कृत्रिम पैर वितरित किया गया। कु. पुलम के पिता श्रीधर बघेल ने बताया कि 5 साल की आयु में बेटी का बायां पैर साइकल में फंस जाने के कारण उसमें सेप्टिक हो गया। यहां तक कि बच्ची का पैर कटवाना पड़ गया। उन्होंने बताया कि आज मुख्यमंत्री के समक्ष कृत्रिम पैर मिलने से बिटिया का जीवन आसान हो जाएगा। कृत्रिम पैर मिलने से उसे चलने फिरने, कहीं आने जाने में दिक्कत नहीं होगी।
साथ ही वह खुद से अपने कामों को निष्पादित करने में सक्षम होगी। इसी तरह तोकापाल ब्लॉक के ग्राम कुरेंगा से आई 23 वर्षीया कु. कलावती मंडावी ने बताया कि जब वह कक्षा आठवीं में अध्ययनरत थीं, तभी उनका बायां पैर करेंट की चपेट में आ गया था और इस घटना से उन्हें अपना पैर खोना पड़ा। मजदूरी करके जीवन चलाने वाली मां देवती बाई के लिए यह दोहरी मार थी। आज कलावती से मिलकर मुख्यमंत्री ने चर्चा की तथा हालचाल जाना। दिव्यांग कलावती ने बताया कि कृत्रिम पैर मिलने से अब उनका जीवन बेहद सुगम और सुविधापूर्ण हो जाएगा।
यहां पहुंचे श्री राजू नाग के 07 वर्षीय बेटे देवा को भी समाज कल्याण विभाग और समिति के द्वारा कृत्रिम पैर प्रदान किया गया। श्री राजू ने बताया कि जब उनकी पत्नी गर्भवती थी तो शारीरिक कमजोरी के चलते सात माह में ही देवा का जन्म हो गया। इसके चलते वह पैदाइशी दिव्यांग हो गया। उन्होंने बताया कि देवा को कृत्रिम पैर मिलने से उसका रोजाना का क्रियाकलाप काफी आसान हो जाएगा। इसी तरह श्री प्रभु सहाय, सुशील कश्यप, अर्खित रॉय ने भी अलग अलग दुर्घटनाओं में अपने हाथ और पैर खो दिए थे, जिन्हें आज मुख्यमंत्री की उपस्थिति में निःशुल्क कृत्रिम पैर और हाथ प्रदान किए गए। इन सभी के जीवन में उम्मीद की नई किरण आलोकित हुई है।