नई दिल्ली। सितंबर में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने किया भारतीय शेयर बाजार में बड़ी मात्रा में निवेश। इससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करेगा, जिससे उभरते बाजारों में और ज्यादा निवेश आ सकता है। एनएसडीएल के आंकड़ों के मुताबिक एक से 17 सितंबर तक एफपीएलएस ने भारतीय शेयरों में कुल 3,682 मिलियन डॉलर यानी 30,908.1 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया है। यह निवेश 2024 के आठ महीनों में से छह महीनों के मासिक निवेश से ज्यादा है। 13 सितंबर को एफपीएलएस ने 949 मिलियन डॉलर का निवेश किया था, जो इस साल का दूसरा सबसे बड़ा निवेश है। इससे पहले 30 अगस्त को 1,731 मिलियन डॉलर का सबसे बड़ा एक दिन का निवेश हुआ था।
सितंबर में इस तेजी से एफपीएलएस का 2024 में अब तक का शुद्ध निवेश 1,450 मिलियन डॉलर हो गया है, जबकि अगस्त के आखिर में यह 1,417 मिलियन डॉलर के शुद्ध निकासी की स्थिति में था। यदि निवेश की यही गति रही, तो सितंबर का निवेश 2024 के अब तक के सबसे बड़े मासिक निवेश (मार्च में 4,241 मिलियन डॉलर) को पार कर सकता है। हालांकि इसमें फेडरल रिजर्व की नीति का बड़ा असर होगा, जिसकी घोषणा बुधवार होगी।
सितंबर में एफपीएलएस ने द्वितीयक बाजार में भी ज्यादा निवेश किया है, जबकि पहले के महीनों में वे मुख्य रूप से प्राइमरी बाजार पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे। सितंबर में अब तक द्वितीयक बाजार में उन्होंने 2,867 मिलियन डॉलर और प्राइमरी बाजार में 815 मिलियन डॉलर का निवेश किया है। 2024 के जनवरी से अगस्त तक एफपीएलएस ने प्राइमरी बाजार में 6,580.8 मिलियन डॉलर का निवेश किया था, जबकि वे द्वितीयक बाजार में 1,417 मिलियन डॉलर के शुद्ध विक्रेता थे। इसके विपरीत, सितंबर में घरेलू फंड्स का निवेश धीमा रहा। सेबी के मुताबिक 11 सितंबर तक घरेलू फंड्स ने 8,951 करोड़ का निवेश हुआ, जो पिछले महीने की समान अवधि के 17,570 करोड़ से काफी कम है।
विदेशी निवेशकों ने भारत पर जताया भरोसा, 3,682 मिलियन डॉलर का किया निवेश
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