रायपुर: स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों के डीन एवं मेडिकल सुप्रीटेंडेंट की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में स्वशासी समिति एवं प्रबंधकारिणी की बैठकों में स्वीकृत कार्यों की समीक्षा की गई। स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तापूर्ण और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सभी मेडिकल कॉलेज और संबद्ध अस्पताल के चिकित्सक सेवा भावना के साथ कार्य करें और जन अपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास करें।
बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए डीन और मेडिकल सुप्रीटेंडेंट को स्वशासी समिति के माध्यम से 10 लाख रुपए तक के अति आवश्यक उपकरणों और दवाइयों की खरीदी के अधिकार को बढ़ाते हुए 20 लाख रुपए तक किए जाने पर चर्चा हुई। बैठक में NMC मापदंडों का गैप एनालिसिस भी प्रस्तुत किया गया।इस दौरान मानव संसाधन के तहत नर्सिंग स्टाफ और पैरा मेडिकल पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पर चर्चा हुई। साथ ही राजनांदगांव में वायरोलॉजी लैब की स्थापना का प्रस्ताव भी पारित हुआ।
बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि उपकरणों एवं दवाओं के अत्यधिक लंबित क्रय को कॉलेज स्तर पर पूरा करने के लिए CGMSC द्वारा मेडिकल कॉलेजों को त्वरित रूप से एनओसी मिले। साथ ही अग्रिम राशि को शीघ्र प्रदाय किए जाने हेतु निर्देशित किया गया। इसके साथ ही वित्तीय वर्ष 2025-26 में स्वीकृत नवीन परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई, जिनमें नए मेडिकल कॉलेज, फिजियोथेरेपी कॉलेज और नर्सिंग कॉलेज शामिल हैं।
बैठक में अवसंरचना विकास के तहत छात्रावास भवन, कॉलेज भवन, आंतरिक सड़क, पेयजल व्यवस्था और विद्युतीकरण की दिशा में कार्य करने का निर्णय लिया गया। सुविधाओं के अंतर्गत उपकरण उपलब्धता, CGMSC को समय पर मांग पत्र प्रेषण, वित्तीय राशि के निर्गमन तथा खरीद प्रक्रिया की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई। दवाइयों एवं उपभोग्य सामग्रियों की आपूर्ति व्यवस्था को भी मजबूत करने पर जोर दिया गया। इसके अतिरिक्त, डीकेएस एवं अन्य सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों की सेवाओं और आउटसोर्सिंग सेवा प्रदाताओं की मॉनिटरिंग पर भी चर्चा की गई।
इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री अमित कटारिया, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा श्रीमती शिखा राजपूत तिवारी, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा एवं सभी मेडिकल कॉलेजों के डीन और मेडिकल सुप्रीटेंडेंट उपस्थित थे।